PM Fasal Bima Yojana: क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, जानें कितने किसानों को पहुंचा लाभ?

PM Fasal Bima Yojana: भारत के कई राज्यों में कभी भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं तो कभी बारिश न होने के कारण सूखे जैसे हालात पैदा हो जाते हैं, जिससे किसानों (Farmer) को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही कई कीड़ों और अन्य प्राकृतिक व अप्राकृतिक कारणों से भी फसल या तो नष्ट हो जाती है या फिर फसल को काफी नुकसान होता है।

PM Fasal Bima Yojana

किसानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने 18 फरवरी 2016 को ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ लागू की। जिसके तहत किसानों को उनके नुकसान की भरपाई की जा सके। योजना (PM Fasal Bima Yojana) में पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि जुलाई है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में इस तिथि को बढ़ाया भी जा सकता है।

Crop Insurance Scheme Latest Update

पीएम फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) के तहत किसानों की रबी और खरीफ फसलों का बीमा किया जाता है। जिसमें पंजीकृत किसान को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके लिए सबसे पहले किसानों को योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर रजिस्ट्रेशन करना होगा और बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान करना होगा। पंजीकरण के बाद जब भी प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल को नुकसान होता है, तो उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नुकसान की भरपाई की जाती है।

कैसे मिलेगा लाभ?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजना है। जिसमें ज्यादातर राज्यों में केंद्र और राज्य का प्रीमियम 50-50 फीसदी होता है। वहीं, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में केंद्र का प्रीमियम भी 90 फीसदी तक है। योजना में पंजीकृत किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण खेती में नुकसान होने पर सबसे पहले आर्थिक सहायता के लिए आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से दावा किया जाता है।

प्रीमियम का भुगतान अलग-अलग राज्यों और फसलों के आधार पर तय होता है, जो केंद्र की समितियां तय करती हैं। वर्तमान में नकदी फसलों के लिए प्रीमियम दरें 5 प्रतिशत, खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत तय की गई हैं।

कितने Farmers ने कराया रजिस्ट्रेशन?

पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के पहले चरण में यानी वित्तीय वर्ष 2016-17 में भारत के लगभग सभी राज्यों से लगभग 5.84 करोड़ किसानों ने पंजीकरण कराया था। जिसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के 1.19 करोड़ किसानों ने इस बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन कराया। राजस्थान 93.5 लाख पंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर और उत्तर प्रदेश 72.89 लाख पंजीकरण के साथ तीसरे स्थान पर रहा। मेघालय में सबसे कम लगभग 100 पंजीकरण हुए हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर ऐसा राज्य रहा जहां से इस योजना में कोई पंजीकरण नहीं हुआ।

PM Fasal Bima Yojana

अगर कृषि भूमि के क्षेत्रफल की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2016-17 में 5.61 करोड़ हेक्टेयर भूमि का पंजीकरण पीएम फसल बीमा योजना के तहत किया गया था। जिसका ₹203,110 करोड़ का बीमा किया गया था, जिसके लिए भुगतान किया गया कुल प्रीमियम ₹21,654 करोड़ था, जिसमें से किसानों का प्रीमियम ₹4,078 करोड़ था।

वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान करीब 5.33 करोड़ किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत 5.07 करोड़ कृषि भूमि का पंजीकरण कराया। इस साल भी सबसे ज्यादा 1.03 करोड़ किसानों का रजिस्ट्रेशन महाराष्ट्र से हुआ। ₹202,282 करोड़ के कुल बीमा कवर में से प्रीमियम ₹24,670 करोड़ था, जिसमें किसानों का हिस्सा ₹4,204 करोड़ था।

Crop Insurance Scheme

वित्त वर्ष 2019-20 में पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत किसानों की संख्या बढ़कर 6.129 करोड़ हो गई और भूमि क्षेत्र 5.01 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंच गया। जिसके लिए ₹219,040 करोड़ का बीमा और कुल ₹32,022 करोड़ का प्रीमियम किया गया, जिसमें किसानों का हिस्सा ₹4502 करोड़ था।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8.273 करोड़ किसानों ने 4.566 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि का ₹1,79,827.8 करोड़ का बीमा कराया। जिसमें किसानों द्वारा ₹3762 करोड़ का प्रीमियम भुगतान किया गया।

किसानों को कितना लाभ हुआ?

वित्तीय वर्ष 2016-17 में करीब 1.56 किसानों ने 16,809 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम किया था. जिसमें पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत संपूर्ण क्लेम का भुगतान किया गया। वित्त वर्ष 2017-18 में करीब 1.77 करोड़ किसानों ने 22,127 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम किया था। जिसमें से ₹22,118 करोड़ का भुगतान किया गया।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2.236 करोड़ किसानों (Farmer) ने ₹26,893 करोड़ का बीमा दावा किया। जिसमें से करीब 96 फीसदी यानी ₹25,822 करोड़ का भुगतान किसानों को पीएम फसल बीमा योजना के तहत किया गया।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2.158 करोड़ किसानों ने ₹12,978 करोड़ के बीमा का दावा किया। जिसमें से किसानों (Crop Insurance Scheme) को ₹12,002.5 करोड़ बीमा दावे का भुगतान किया गया। यानी करीब 92.5 फीसदी बीमा दावों का भुगतान कर दिया गया।

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